शजर का कफन

काश सुन लेते तुम कटते शजर की सिसकियाँ,काश देख सकते उजड़े घरोंदों की वीरानियाँ,काश पहुँच जातीं तुम तक पंछियों की कराहटें,काश महसूस होता दर्द टूटती टहनियों का तुम्हें, काश पढ़ लेती आँखें तुम्हारी पत्ते-पत्ते की गुज़ारिशें, काश ईंट-पत्थर की इमारतें शजरों का न कफन होता, काश बेलगाम लालच तुम्हारा इस कदर न बढ़ा होता, तो [...]

घर की वीरानी

घर की वीरानी घर की वीरानी में भी दीवारें बोल उठती हैं, अक्सर तन्हाई में भी ये महफिलें शोर करती हैं, अकेले में भी तन्हा न रहूँ, ये कोशिशें इन ईंट-पत्थरों की, ज़मीं पर ही जन्नत के नज़ारे खोल देती हैं, देखती हूँ गौर से जब इन दर-और-दीवारों को, वो सीने में दफ़न कई राज़ [...]

यादों में कहीं

यादों में कहीं कोई सुराख न कर दे, इस बात से डर लगता है, छन-छन के बह न जाएँ एक-एक कर, इस बात से डर लगता है! फ़क़त ये चंद मोती हैं, जो सँभाले हैं जीने के लिए, लेकिन यूँ न समझ लेना कि मुझे मौत से डर लगता है! परछाईं की माफिक धीरे-धीरे सिमट [...]

क्या ख़रीदने निकले हो

क्या खरीदने निकले हो खुशियाँ बिकती नहीं और गम का कोई खरीददार नहीं, आस सस्ती नहीं और बेसब्री का कोई हिसाब नहीं, प्यार महंगा है बहुत और नफरतों को पालना आसान नहीं, शांति की कोई दुकान नहीं और अशांति का समाधान नहीं, क्या ख़रीदने निकले हो? बिकने वाली चीज़ खुद मजबूर है और जो बिकती [...]

संभलने दे ज़रा

संभलने दे ज़रा अभी नासूर बन गम रिस रहा है, ज़ख्म ताज़ा हैं अभी, घाव भी नया-नया है । न उम्मीदें लगा मुझसे यूँ मुस्कुराने की, तू क्या जाने जो खोया उसकी कीमत क्या है ? संभलने दे ज़रा तपती रेत पर चल कर आई हूँ दूर से, अभी तेरे संगमरमर भी मेरे पाँव के [...]

धूप की दस्तक

Read my thoughts on YourQuote app धूप की दस्तक मेरे सफेदपोश जमे कोहरे पर पड़ी और उसकी घनी सफेद जालियों में सुराख़ कर मेरे अंतर्मन तक जा पहुंची कह नहीं सकती, कि निराशा कमज़ोर पड़ रही थी, या आशा इतनी प्रबल थी, कि धूप की दस्तक पहचान सांस लेने लगे थे, मेरे सभी उजाले जिन्हें [...]

शाम तुम्हारे साथ गुज़ारुँ

कब चाहा था मैंने कि मैं, शाम तुम्हारे साथ गुज़ारुँ ? मेरी बस एक चाह थी इतनी, कुछ पल बैठ मैं तुम्हें निहारूँ। तुम सूरज से तपिश तेज़ हो, मैं एक गुमनाम सितारा हूँ , तेज प्रचंड प्रकाश के समक्ष, कौन तारे के वर्चस्व को माने ? कब चाहा था मैंने कि मैं, तुम्हारे जीवन [...]

कुछ देर पहले

कुछ देर पहले गहन अंधकार में थी मेरी दुनिया, ये स्वर्णिम सवेरा कौन खिला गया! कुछ देर पहले आँखों से बहते थे दरिया, ये मुस्कुराना मुझे कौन सीखा गया! कुछ देर पहले ना-उम्मीद सा दिल था, ये उम्मीद नई सी कौन दिला गया! कुछ देर पहले ही तो सुंदर सपने सा था सब, ये नींद [...]

रंग मिट्टी के

रंग मिट्टी के अंतहीन, असीम पल-पल बदलते, उभरते, बिखरते कहीं रूद्र, कहीं सुशील मिट्टी की काया, मिट्टी की माया मिट्टी ने मिट्टी को, मिट्टी में मिलाया मिट्टी संग प्रेम, मिट्टी संग बैर मिट्टी चुराए नींद और चैन जले तो मिट्टी, दबे तो मिट्टी अंजाम मिट्टी का हो मिट्टी फिर क्या रंग? क्या बेरंग? इस मिट्टी [...]

मेरा कौन

मेरा कौन न मान मेरा न अपमान मेरा, न पीड़ा मेरी न स्नेह मेरा, न दर्द मेरा न चैन मेरा, न विरह मेरी न नेह-बंधन मेरा, न माया मेरी न देव मेरा, न सांस मेरी न शरीर मेरा, गहन उतरूँ तो कुछ नहीं मेरा, जब मैं ही नहीं, फिर कौन मेरा ? मेरा कौन ? [...]

चुनौती स्वीकार है

चुनौती स्वीकार है तुम उजाले चुन लो, हम अँधेरों से लड़ेंगे उम्र भर, तुम्हारी याद में जलेंगे, पर उफ् न लाएँगे लबों पर, न शिकवा करेंगे न शिकायत ही कोई, कोई जिक्र तुम्हारा करे तो हो जाएँगे बेखबर, न मुड़कर देखेंगे, न आवाज़ ही देंगे, करीब से गुज़रना पड़ा तो गुज़रेंगे अजनबी बनकर, तुम बहारों [...]

ज़रा देर से आना

ज़रा देर से आना जीवन की साँझ अभी धूप सिर पर घनेरी है बोझ है कुछ कदमों में भारी और दूर बहुत मेरी मंजिल है चलना है हँसकर, साथ हैं साथी थकान छुपा कर रखनी है। ज़रा देर से आना अभी काम बहुत हैं करना मेरी मजबूरी है कुछ मीठी यादें कैद हैं दिल में [...]

कुछ तो बात है

कुछ तो बात है तेरे न होकर भी होने में हर कोना मेरे घर का डूबा है तेरी नज़म में तेरी मौजूदगी का आलम कुछ इस तरह जवाँ है कि वो अब भी बसी हुई है मेरे घर की हर धड़कन में तेरा अहसास ही है काफी मेरे छोटे से नशेमन को बिखरी हुई हैं [...]

Monsoon Smiles :)

Friday Fabbles #monsoon challenge #haiku series This Challenge is hosted by Sangbad ofwww.thoughtsofwordsblog.com. for the Fortnight Friday Fables jointly withSheetal Bharadwaj. The rules are : Write a haiku on Monsoon. Now, remember Haiku is the easy part. The main challenge is:  Writing shall not be in a conventional manner i.e. 5-7-5 or free-verse; it shall follow the following pattern– i. 3-5-3 ii. [...]

Moon and Myth

Riding on seven white horses chariot Moon roams through sky every night Once when he was a kid And misbehaved with his mom She cursed him to shrink and grow For whole life! Now waxing and waning is Moon's destiny Which we watch at sky every night! Though his mother is still confused What kind [...]

Three Days Three Quotes Challenge:#Day 2

So this is my second day of challenge given by Zenyswords Don't forget to visit: http://zenyswords.wordpress.com Here is my quote, which I truly believe in "The beauty begins the moment you start believing in yourself" Don't believe it...give it a try 😉   My nominees for today are: Nita0216blog.wordpress.com OkotoEnigma Dodotjetrow.wordpress.com   Rules Of The [...]