मेरा कौन

मेरा कौन
न मान मेरा न अपमान मेरा,
न पीड़ा मेरी न स्नेह मेरा,
न दर्द मेरा न चैन मेरा,
न विरह मेरी न नेह-बंधन मेरा,
न माया मेरी न देव मेरा,
न सांस मेरी न शरीर मेरा,
गहन उतरूँ तो कुछ नहीं मेरा,
जब मैं ही नहीं,
फिर कौन मेरा ?
मेरा कौन ?
यह प्रश्न बड़ा!
वो मैं जो मैं से पार खड़ा,
बस वही हूँ मैं,
मैं जिससे उपजा,
वह परम् प्रकाश
वही एक मेरा!

5 thoughts on “मेरा कौन

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